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Thursday, 25 June 2015

कुरान समझाने के बजाए हमेशा रटवाया ही क्यों जाता है....?


क्या आप जानते हैं कि...... मदरसों में कुरान पढ़ाने और समझाने के बजाए ... हमेशा रटवाया ही क्यों जाता है....????....????
आप यह जानकर आश्चर्यचकित हो जाएँगे कि .. कुरान को रटवाने का बहुत बड़ा कारण है.....!
दरअसल... पर्दे के पीछे की सच्चाई यह है कि...... इस्लाम सिर्फ अपने तथाकथित रसूल मुहम्मद और कुरान पर आधारित है...... मतलब कि मुहम्मद साहब और कुरान ये दोनों इस्लाम के आधारस्तम्भ हैं...!
अब... मुहम्मद साहब के बारे में तो
कुछ बोलना ही बेकार है .... क्योंकि मुहम्मद साहब तो इतने महान आत्मा और पराक्रमी पुरुष थे कि ..... उन्होंने 65 साल के बुढ़ापे की आयु में भी .... अपनी सगी एवं 9 साल की मासूम बेटी फातिमा को ही निपटा दिया था...!! (उन्ही का अनुकरण मुस्लिम आज भी कर रहे हैं) .
अब बच गया... कुरान.....
तो.... कुरान और वैज्ञानिकता में ""सांप-नेवले"" का वैर है.......!
कहने का मतलब कि..... कुरान में वैज्ञानिकता ढूंढ़ने से कहीं ज्यादा आसान है........ किसी गधे के सर पर सींग ढूंढ़ लेना.....!
वैज्ञानिकता के अलावा भी कुरान में ऐसी विराधाभासी कहानियाँ लिखी हुई है कि ........ किसी ""दो पैसे"" जितना दिमाग वाला व्यक्ति भी कुरान पर प्रश्नवाचक चिन्ह लगा देगा....!
जैसे कि ..... एक तरफ कुरान कहता है कि...... अल्लाह निराकार है और सर्वव्यापी है.....!
वही है जिसने आकाशों और धरती को छह दिनों में पैदा किया; फिर सिंहासन पर विराजमान हुआ। वह जानता है जो कुछ धरती में प्रवेश करता है और जो कुछ उससे निकलता है और जो कुछ आकाश से उतरता है और जो कुछ उसमें चढ़ता है। और तुम जहाँ कहीं भी हो, वह तुम्हारे साथ है। और अल्लाह देखता है जो कुछ तुम करते हो .............. Q57:04:
सवाल:- जब अल्लहा ने चाँद, सूर्य ,तारे ,पृथ्वी ये सब 6 दिन में बनाए तो पहले ये तो बतलाओ कायनात बनाने से पहले 6 दिन की गिनती की कैसे?? और कुरान कहती है कायनात बनने से पहले अल्लहा की आयते नाजिल हुई थी, तो सिर्फ इतना ही स्पस्ट करदे कायनात बनने से पहले 6 दिन की गिनती करी कैसे??
यहाँ तक तो ठीक है कि..... और समझ भी आता है कि ...... अल्लाह निराकार और सर्वव्यापी है.... (इसीलिए मुस्लिम मूर्तियों की पूजा नहीं करते हैं .. की उनका कहना है कि... निराकार को आकर नहीं देना है)
लेकिन.............. दूसरी ही जगह.... कुरान कहता है कि......
@ वह एक बड़े सिंहासन का स्वामी है ..........................सूरा अत तौबा 9 :129.
@ वह महाशाली एक सिंहासन पर बैठता है ..................सूरा अल मोमनीन 23 :116.
@ और फ़रिश्ते उसके किनारों पर होंगे और उस दिन तुम्हारे रब के सिंहासन को आठ अपने ऊपर उठाए हुए होंगे ......... Q69:१७.
अब ... किसी मुर्ख को भी ये समझ में आ सकता है कि...... ...जब अल्लाह निराकार है तो... सिंहासन पर कैसे बैठता है..... और, अगर अल्लाह सिंहासन पर बैठता है तो.. निराकार कैसे है...????
इस तरह हम कह सकते हैं कि... इस्लाम अक्ल के दुश्मनों के लिए ही है और..... शायद यही कारण है कि .....मदरसों में कुरान समझाने के बजाए पूरी ताकत से रटवाया जाता है....!
नोट: लेख में इस्तेमाल की गयी सारी हदीसे और आयतें प्रमाणिक हैं..... अतः अगर किसी भी सज्जन अथवा दुर्जन को लेख से कोई शिकायत हो तो..... वो इन हदीसों को गलत साबित करे....!

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