Like us on Facebook

Monday, 16 May 2016

मन्दुरी जनजाति : जो गायों की रक्षा के लिए जान दे भी सकते है और जान ले भी सकते है

इस समय भारत में गौहत्या और गौरक्षा का मामला चल रहा है. इस मुद्दे पर महीनों चर्चा हुई और विरोध प्रतिरोध हुआ लेकिन कुछ परिणाम नहीं निकला.भारत को आज भी दुनिया को बीफ निर्यात करने वाले टॉप के देशो में गिना जाता है.भारत पर बहुत सी बंदिसे व,बहुत से विवादों में फसा हुआ है फिर ने भारत ने अपना ये रुतबा कायम रखा हुआ है. सन 1966 में तो दिल्ली में लोगो ने अपना बलिदान भी दे दिया था जिनपर सरकार ने गोलियां चलवा दी थी,सिर्फ गौरक्षा करने के.

 अब आपको बताते है सूडान नामक देश के बारे में जहाँ लोग गौरक्षा के लिए जान ले भी सकते है और जान दे भी सकते है. यह एक मात्र ऐसा देश है बच्चे और बड़े दोनों गायों की देखभाल करते है. इन लोगो के लिए गाये ही सबकुछ है. ये लोग गाये को गर्मी से बचाने के लिए एक विशेष प्रकार की भभूत लगाते है,गायों को पानी पिलाने के लिए तरह-तरह के जतन करते है,गायों को किसी भी प्रकार की चोट ना पहुचे इसलिए रात में उनकी चौकीदारी करते है ताकि जंगली जानवर उनका शिखर ना कर पाए. मन्दुरी जनजाति गाये के दूध के साथ साथ उसका मूत्र का भी सेवन करते है.उनका यह मानना है की गौमूत्र उनको गंदगी से दूर रखता है.इस जनजाति का गायों से प्रेम बहुत गहरा है. गायों के लिए ये अपना आधा जीवन समर्पित करते है.





No comments:

Post a Comment