इफा सुदेवी का जन्म मुस्लिम परिवार में हुआ था. बचपन में
मुस्लिम संस्कारो से उनका लालन पालन हुआ था. सोलो जावा में अपनी पढाई किया.
1990 में चीफ जस्टिक बन गयी.
2002 में मुस्लिम अातंकवादियो ने बम ब्लास्ट किया था. जिसमें
202 लोग मारे गए थे. इसी केस की सुनवाई करने के लिए उनको नियुक्त किया गया
था.
तीन मुस्लिम अातंकवादियो को मौत की सजा सुनाई थी- उसमे एक इमाम भी था.
उन्होंने सनातन हिन्दू धर्म का अध्ययन किया, उससे प्रभावित होकर ''इस्लाम'' छोड़कर हिन्दू बन गयी.
कुरान की लिखी बातें उनको सिर्फ अरब के कबीलों का रहन सहन ही
समझ में आई. कही से नहीं लगा की '''कुरान'''असमान से उतारी है. और अल्लाह
ने लिखवाया है. औरतो के बारे में मुहम्मद का विचार बहुत ही गन्दा लिखा
है... बाकि दूसरी बाते भी सिर्फ अरब के आस पास की ही लिखी है. शेष दुनिया
से उसका कोई सरोकार नहीं है. इसलिए साबित होता है की '''इस्लाम'' मजहब नहीं
है. न तो कुरान ''ईश्वरीय किताब''है, कुरान एक अरब के इतिहास की किताब
है..... इससे अधिक महत्व कुरान को नहीं दिया जा सकता है.
एक बात सत्य है की यदि मुस्लिम अरबी मानसिकता से ऊपर उठकर
'''सनातन हिन्दू धर्म'' को गहराई से समझे तो तुरंत '''हिन्दू''' बन जाते
है......
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