ओह्ह मित्रो ......आँखों को नम व मन को तार तार कर देने वाला दृश्य ......
मुसलमानों
के देश यमन, पाकिस्तान और सीरिया में ये मासूम दुधमुंही बच्चियां अपने
पिताओं के साथ नहीं बल्कि अपने पतियों के साथ खड़ी हैं ......
यदि ये इन हवसियों की दुल्हन बनने से मना कर देतीं तो अल्लाह इनसे नाराज़ हो जाता .......
और
ये सब इनके यहाँ , उनके धर्म में जायज़ है , कोई गुनाह नहीं क्योंकि ये
बलात्कार रुपी शादियां ग़म में नही बल्कि धूम धाम से हजारों लोगों के सामने
होती हैं ।
इस्लामिक देशों में हर वर्ष किये जाने वाले सामूहिक विवाहों
में नन्ही बच्चियों को यह तक नहीं बताया जाता कि वह अपने ही विवाह के लिए
ऐसे तैयार की गई हैं।
परन्तु जिस रूप में अल्लाह के रसूल मोहम्मद की सुन्नत बताकर निकाह के नाम
पर अबोध बच्चियों के साथ बलात्कार हो रहा है पूरी दुनिया में उसकी कोई
मिसाल नहीं है ......
इस्लाम में सभी अधिकार मात्र पुरूष जाती के लिए आरक्षित है ?
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